Author name: Nigel

मत्ती 5:6 ”धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं”

मत्ती 5:6 ”धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्‍त किए जाएँगे।”   अभी तक में हमने तीन धन्य वचनों को देख चुके थे, मत्ती 5:3 ”धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।” https://biblestudyinhindi.com/matthew-5-1-3/ मत्ती 5:4 ”धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे …

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”तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है”

लूका 2:11 “कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।”   उद्धारकर्ता क्योकर जन्मे? मानव जाती को किस से और क्या से उद्धार की आवश्यकता है? आज जब आप लोगो को सुसमाचार का प्रचार करते हुए सुनते हैं, तो अक्सर उनके सन्देश का निष्कर्ष यह ठहरता …

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मत्ती 5:5 ”धन्य हैं वे, जो नम्र हैं”

मत्ती 5:5 “धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।‘’ अब तक मे हमने यह देखे थे कि सभी धन्य गुणें, प्रत्येक सच्चे विश्वासीयों मे देखा जाना चाहिए, और देखा जाता है, हालांकि, हो सकता है किसी किसी मे थोड़ा कम मात्रा मे, और किसी किसी मे थोड़ा अधिक मात्रा मे। …

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मत्ती 5:4 ”धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं”

मत्ती 5:4 “धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएँगे।” हम मत्ती रचित सुसमाचार मे से यीशु मसीह के पहाड़ी उपदेश पर अध्ययन कर रहे थे, अतः आइए वहीं से शुरू करें जहां हमने पिछली बार समाप्त किये थे, विशेषकर मत्ती 5 मे से धन्य वाणी या वचनों को हमने देखना आरम्भ किये …

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क्रिसमस मे ख्रीस्त के प्रती सटीक एंव उचित मनोभाव, मानसिकता और प्रतिक्रिया।

क्रिसमस मे, परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के इस पृथ्वी पर मनुष्य बनके आने के प्रति हमारा दृष्टिकोण, मानसिकता, मनोभाव, प्रतिउत्तर, प्रतिक्रिया और रवैया कैसा होना चाहिए? बाइबल हमें मसीह के देह-धारण के विषय में सही मानसिकता, दृष्टिकोण और प्रतिक्रिया के बारे में क्या बताती है? क्या हमने इस विषय पर पहले सोचे है कि …

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भाग 3. ‘’वे लोग, जो क्रिसमस के ख्रीस्त से चूक गए थे’’

3.  प्रधान याजकों और शास्त्रियों मत्ती 2:1-6 ”1हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे, 2“यहूदियों का राजा जिसका जन्म हुआ है, कहाँ है? क्योंकि हमने पूर्व में उसका तारा देखा है और उसको प्रणाम करने आए हैं।” 3यह सुनकर …

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भाग 2. ‘’वे लोग, जो क्रिसमस मे ख्रीस्त से चूक गए थे’’

2. हेरोदेस, क्रिसमस से चूक गए थे। मत्ती 2:1-7 ‘’1हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे, 2“यहूदियों का राजा जिसका जन्म हुआ है, कहाँ है? क्योंकि हमने पूर्व में उसका तारा देखा है और उसको प्रणाम करने आए हैं।” 3यह सुनकर हेरोदेस राजा …

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भाग 1 ‘’वे लोग, जो क्रिसमस मे ख्रीस्त से चूक गए थे’’

प्रति वर्ष जब हम क्रिसमस के दौरान चारों ओर देखते हैं, तो सबसे दुखद बात जो हमें देखने को मिलता है वह यह है कि बहुत से लोग हालांकि क्रिसमस पर मौजूद हैं, लेकिन वास्तव में वे इसमें हैं नहीं, क्रिसमस मे होते हुए वे क्रिसमस के ख्रीस्त से चूक जाते है। सबसे पहले हम …

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मत्ती 5:1-3 “धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं’’

मत्ती रचित सुसमाचार के सभी अध्यायों और पदों को स्वंय प्रेरित मत्ती ने लिखे है, जिसे प्रारंभिक कलीसिया के पिताओं ने भी सर्वसम्मति से स्वीकार किया है। और जब आप मरकुस 2:15 और लूका 5:29 मे समान घटना का वर्णन को मत्ती 9:10  के साथ तुलना करे, जहा मरकुस मत्ती को संबोधित करते हुए कहते है, “उसके (मत्ती के) …

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1 यूहन्ना 1:1-4 ‘’परमेश्वर के अनन्त एंव जीवित वचन की वास्तविकता, विशेषता और निश्चयता।’’

1 यूहन्ना 1:1-4 ‘’जो आदि से था,  जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आँखों से देखा, वरन् जिसे हम ने ध्यान से देखा और हाथों से छुआ –उस जीवन के वचन के विषय में, यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का …

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